चाँद की चाँदनी होती है
जो फूलों में जाकर सोती है
नन्हें बच्चों की आवाज़ कैसी होती है ?
चिड़ियों की चहचहाहट -सी होती है ।
फूल तो प्यारे होते हैं
उन्हें छूकर हवा बहती है
उनमें से कुछ पत्तियां बरसती हैं
उन्हीं कोमल फूल की पत्तियों से,
फूल जैसे बच्चों से
धरती की पवित्रता से,
बहते झरने से,
चाँद-सितारों से,
बरसते पानी की बूँदों से,
हमारे माँ - बाप से
शुरू होती है हमारी नयी ज़िंदगी !
-शबीह राहत
4 टिप्पणियां:
इस पोस्ट के लिेए साधुवाद
बहुत बढ़िया!!
बहुत बडिया शुभकामनायें
Great poetry..........
एक टिप्पणी भेजें